छठ पूजा का पर्व इस बार 28 अक्टूबर से शुरू होकर 31 अक्टूबर तक चलेगा. यह आमतौर पर कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है.इसमें महिलाएं 36 घंटों तक निर्जला रहकर व्रत करती हैं.यह त्योहार संतान प्राप्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.
छठ विशेष रूप से देश के बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल में मनाया जाता है.इसी के साथ लोग नेपाल में भी यह पर्व उत्साह के साथ मनाते हैं.इस पूजा में सूर्यदेव और षष्ठी मैया की पूजा-अर्चना की जाती है.
वहीं इसमें भगवान शिव को भी पूजा जाता है.मान्यताओं के अनुसार यह व्रत संतान के लिए रखा जाता है जो कि 36 घंटे चलता है.
आइए जानते हैं छठ कितने दिन चलता है और इसमें क्या रीति-रिवाज अपनाए जाते हैं.
पहला दिन – नहाय खाय – सबसे पहले नहाय खाय की रस्म के साथ छठ पूजा की शुरुआत होती है. इस दिन व्रत धारण करने वाले जन नदी में स्नान करते है. इसके बाद वे केवल एक समय का भोजन करते हैं.इस बार का नहाय खाय 28 अक्टूबर को है.
दूसरा दिन खरना
छठ का दूसरा दिन को खरना कहा जाता है. इसमें व्रती लोग भोग तैयार करते हैं और शाम के समय मीठा भात या लौकी की खिचड़ी खाते हैं.वहीं व्रत का तीसरा दिन दूसरे दिन के प्रसाद के ठीक बाद शुरू हो जाता है. इस बार का खरना 29 अक्टूबर को है.
तीसरा दिन – अर्ध्य
छठ पूजा के पर्व में तीसरे दिन विशेष महत्वपूर्ष मानते हैं. इस दिन शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.वहीं बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य के लिए एक सूप को सजाया भी जाता है.
इसके बाद व्रती अपने परिवार के साथ मिलकर सूर्यदेव को अर्घ्य देकर डूबते सूर्य की आराधना करते हैं. जानकारी के अनुसार छठ पूजा का पहला अर्घ्य इस साल 30 अक्टूबर को दिया जाएगा.
चौथा दिन- उषा अर्ध्य
छठ के चौथे दिन व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं.इस अर्घ्य को लगभग 36 घंटे के व्रत के बाद दिया जाता है. इस बार 31 अक्टूबर के दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.