राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा कस्बे में निर्मित 369 फुट ऊंची शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम’ का शनिवार को उद्घाटन हो गया. यह विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में से एक है. प्रतिमा में शिव की अल्हड़ व ध्यान मुद्रा दर्शायी गई है.
वहीं शिव के प्रति लोगों के विश्वास को केंद्र में रखते हुए, उनकी प्रतिमा का नाम ‘स्टैच्यू ऑफ बिलीफ’ यानी विश्वास स्वरूपम् रखा गया है.
आज के दिन इस प्रतिमा को लोगों को समर्पित कर दिया गया है. लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,कथावाचक मुरारी बापू और स्वामी रामदेव आदि जन शामिल हुए. जानकारी के मुताबिक़ प्रतिमा का निर्माण तत पदम संस्थान ने किया गया है.
इसकी ऊंचाई को लेकर दावा में कहा गया कि यह प्रतिमा इतनी बड़ी है कि इसे पूरा देखने में कम से कम 4 घंटे का समय लगता है और इसके अंदर के हॉल में एक साथ 10 हजार लोग शामिल हो सकते हैं.
इस समारोह में संस्थान के ट्रस्टी व मिराज समूह के अध्यक्ष मदन पालीवाल ने बताया कि प्रतिमा के उद्घाटन के बाद 29 अक्टूबर से छह नवंबर तक नौ दिनों तक धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होने वाले हैं.
जिसमें मुरारी बापू रामकथा का वाचन करेंगे.वहीं विश्वास स्वरूपम् प्रतिमा को देखने के लिए यूएस, फ्रांस, यूके, जर्मनी और आस्ट्रेलिया जैसे कई देशों से भक्त आए.
आपको बता दें कि यह विश्व की पहली 369 फुट ऊंची ऐसी प्रतिमा का रिकॉर्ड बनाएगी,जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है. सूत्रों के अनुसार इस प्रतिमा के निर्माण में 10 वर्षों का समय और 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है.
वहीं इस परियोजना की नींव अगस्त 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मुरारी बापू की मौजूदी में रखी गई थी.