ये तो हम जानते ही हैं कि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की छवि आम जन में कैसी बनी हुई है.लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे शिक्षक के बारे में.
जिन्होनें अपने छात्रों के लिए एक नया और प्रशंसनीय क़दम उठाया है. कालाकोट के रहने वाले शिक्षक हरनाम सिंह ने अपने ही स्कूल के जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाने का बीड़ा उठाया है.
हरनाम सिंह हर महीने इन बच्चों पर 500 रुपये खर्च करेंगे.ऐसा करने के लिए वे अपने बैंक में एक लाख रुपये जमा करवा चुके हैं.
फिलहाल हरनाम सिंह राजोरी के एक राजकीय मिडिल स्कूल पाडर में नियुक्त हैं.
पिछले महीने के पांच सितंबर को उन्हें जम्मू-कश्मीर के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार से नवाज़ा गया था.
वे अपने पुरस्कार के रूप में मिले 50 हजार रुपये बैंक में जमा करके बच्चों की सहायता करना चाहते हैं.
उन्होंने बताया कि उनके स्कूल में तकरीबन 90 फीसदी बच्चे बीपीएल परिवार से हैं.वहीं कई बच्चे तो अनाथ भी हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति ऐसी है कि वे स्कूल बैग, कॉपी, पेंसिल और यहां तक कि जूते तक नहीं खरीद पाते.
इस परेशानी को समझते हुए उन्होंने हर महीने पांच सौ रुपये बच्चों की मदद के लिए खर्च करने का संकल्प किया है. उनका कहना है कि बैंक में जमा पैसों से मिले ब्याज से भी बच्चों की सहायत में आसानी होगी.
आपको बता दें कि फिलहाल उन्होंने 50 हजार रुपये बैंक में जमा किए है. जिसका हर महीने 250 रुपये ब्याज तक आ रहा था, जो कि मदद करने के लिए काफ़ी नहीं था.
अब उन्होंने एक लाख रुपये जमा करवाए हैं और हर महीने 500 रुपये ब्याज मिलने की उम्मीद है.