दालों को सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है, इसलिए हर किसी को इसे अपने डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है,
दालों के सेवन से बस आपको प्रोटीन ही नहीं मिलता बल्कि कई तरह के विटामिन्स और मिनरल्स भी मौजूद होते हैं, जो आपको पोषक तत्वों संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है, हालांकि हर घर में इसे अलग तरह से बनाया जाता है, जहां कुछ महिलाएं दालों को सिर्फ धो कर उन्हे उबालने को रख देती है, वही कुछ महिलाओं को आदत होती है की वो दाल को भिगोने के बाद ही इसे पकाती है, हर किसी का अपना अपना तरीका होता है, पर क्या आपको पता है दाल को पकाने से पहले कुछ देर भिगो कर रखने से आपको इसके कई लाभ मिलता है, तो आज मैं आपसे इस लेख में इसके बेहतरीन फायदों और तरीको के बारे में बताऊंगी, किस तरह हमें दाल को पकाना चाहिए ताकि इसका पूरा फायदा मिल सके.
सबसे ज़रूरी बात आजकल दालों पर शेल्फ़ लाइफ़ बढ़ाने के लिए उन्हें पॉलिश की जाती है व पेस्टीसाइड लगाए जाते हैं, उन्हें धो कर व भिगो कर हटाना ज़रूरी है व भिगोने से ईंधन की बचत तो होती ही है.
सबसे पहले बात करते है हमें दाल किस तरह के बर्तन में पकाना चाहिए.
* तो दोस्तो अब से 30-40 साल पहले जब दाल खुले बर्तन में उबाल कर पकाई जाती थी तो उबालने पर को सेफद झाग आने की प्रथा थी उसे निकाल कर फेंकने की प्रथा थी, उस झाग को अधन कहते थे इसमें ऐसे तत्व होते है, जो यूरिक एसिड बढ़ा देते है, आज कल लोग जल्दीबाजी में और कम मेहनत के चक्कर में दाल को प्रेशर कुकर में उबाल कर सीटी लगा लेते है, अगर आप प्रेशर कुकर में बनाते है तो दाल का झाग कहा निकाल रहा है?
ये सारा यूरिक एसिड शरीर में जमा होता है, जिस से जोड़ों में दर्द होती है, इसलिए दाल पकाने का उत्तम तरीका ये है की आप दाल को कुछ देर यानी १ घंटे के लिए भिगो दे, फिर इसे खुले बर्तन में पकाएं और जो झाग बनती है उसे निकाल लीजिए, अगर आप मिट्टी के बर्तन में दाल को पकाते है तो वो बहुत लाभदायक होगा, वरना आप स्टील के बर्तन में भी बना सकते है. तो इस बात का ध्यान जरूर रखें अगर आप स्वास्थ्य को ध्यान में रख कर खाना पकाना चाहते है.
2. अब हम बात करेंगे दाल को भिगो कर बनाने के क्या क्या फायदे मिलेंगे आपको इनके बारे में
* मिनरल्स का बेहतर ऑब्जर्वेशन – अनुमन किसी भी आहार का सेवन इसलिए किया जाता है ताकि वह हमारा सिर्फ पेट ही न भरे बल्कि उसमे मौजूद पोषक तत्व हमे हेल्थी बनाए रखने में मदद करे.
इसलिए जब आप दाल को भिगो कर बनाते है तो इस से शरीर में मिनरल्स ऑब्जर्वेशन रेट बढ़ जाता है, दाल को कुछ समय भिगोने से इसमें फाईटेज नामक एंजाइम सक्रिय हो जाते है, यह फाईटेस फाई टिक एसिड तोड़ने में मदद करती है साथ ही कैल्शियम, जिंक, आयरन को बाइंड करने में भी मदद करती है इससे मिनरल्स ऑब्जर्वेशन बहुत आसान हो जाता है.
* पचाने में होती है आसानी – खाना खाने के बाद अगर वह सही तरह से नहीं पचता तो इससे व्यक्ति को असहजता के साथ-साथ अन्य कई प्रॉब्लम्स हो सकती हैं, इस लिहाज से भी दालों को भिगोना आवश्यक है, भिगोने से अमाइलेज नामक एक यौगिक भी सक्रिय हो जाता है जो दाल में जटिल स्टार्च को तोड़ देता है और उन्हें पचाने में आसान बनाता है.
* गैस की समस्या से मुक्ति – अक्सर दाल खाने के बाद कुछ लोगो को गैस बन ने की शिकायत होती है, जब आप दाल भिगो कर बनाते है तो गैस पैदा करने वाले यौगिक भी काफी हद तक हट जाते है, अधिकांश दालों में औलिगोसेकराइड्स होते है जो ब्लोटिंग और गैस के लिए जिम्मेदार एक तरह का कॉम्प्लेक्स शुगर है, भिगोने के बाद इस कॉम्प्लेक्स शुगर की मात्रा कम हो जाती है.
* कुकिंग समय कम लगना – यह भी दालों को भिगोने से मिलने वाला एक जबरदस्त लाभ है, अमूमन देखने में आता है कि अगर दालों को कुक करने से पहले कुछ देर के लिए पानी में भिगोया जाए तो वह फूल जाती हैं और फिर वह अपेक्षाकृत जल्दी पक जाती हैं, जिससे वास्तव में आपका कुकिंग टाइम कम लगता है और ईंधन की भी बचत होती है.
* दालों का एक समान पकना – खाना बनाने वक्त हम यही कोशिश करते है की दाल हर दाना एक समान पका हुआ हो, लेकिन यह तभी संभव है जब आप दालों को भिगो कर पकाती है, इसलिए दालों को कम से कम आधे से एक घंटे भिगो कर जरूर पकाएं, इस से आपको स्वाद भी पूरा मिलता है.
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