हिन्दू धर्म में तुलसी का बहुत अधिक महत्त्व है, इसे पूजा जाता है, यह धार्मिक पौधा होने के साथ स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभदायक होता है अतः हर घर में होना चाहिए, आयुर्वेद में भी तुलसी को औषधीय पौधा बताया गया है, इसलिए कोई तुलसी को धर्म और आस्था से जोड़ कर देखता है, तो कोई सेहत के लाभ उठाने के लिए तुलसी का प्रयोग करता है, यही वजह है, की तुलसी का पौधा हर घर में पाया जाता है, चाहे प्रसाद में इसका इस्तेमाल करना हो या सर्दी जुकाम दूर करने के लिए काढ़ा या चाय बनानी हो.
लेकिन तुलसी के पौधे को लेकर अमूमन लोगों को शिकायत होती है की वो जल्दी सुख जाता है, इसके सूखने के कई कारण हो सकते है,
बहुत से लोग यह अनुमान लगाते हैं कि तुलसी का पौधा गर्मी में लू लगने के कारण सूख जाता है, तो कोई सोचता है कि सर्दियों में ओस का शिकार होने पर तुलसी का पौधा खराब हो जाता है,मगर जब बारिश के मौसम में भी कुछ लोगों का तुलसी का पौधा सरवाइव नहीं कर पाता है, तो उनके सभी अनुमान गलत पड़ जाते हैं, ऐसा इसलिए है क्योंकि तुलसी के पौधे को बहुत अधिक पानी की भी जरूरत नहीं पड़ती है, एक तरह से यह कहा जा सकता है कि तुलसी के पौधे को बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह एक ट्रॉपिकल प्लांट है इसलिए तुलसी का पौधा कम पानी, कम धूप और कम हवा में भी सरवाइव कर सकता है, लेकिन यदि यह सूख रहा है, तो कुछ उपाय करके उसे दोबारा हरा-भरा बनाया जा सकता है.
आज मैं आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने वाली हूं जिस से आप अपने तुलसी के पौधे को दुबारा हरा भरा कर सकते है.
1. सूखे हुए तुलसी को बचाती है नीम
अगर आपके घर पर लगा तुलसी का पौधा बार बार सुख जाता है, और आप इसे दुबारा हरा भरा देखना चाहते है तो हर महीने केवल 2 चम्मच नीम की पत्तियों को सुखा कर उसका पाउडर अगर तुलसी के पौधे में डाला जाए तो पौधे में नई पत्तियां भी आएंगी और ये कभी सूखेगा भी नहीं, इसका तरीका यह है की आपको नीम की पत्तियों का पाउडर को अच्छे से पौधे की मिट्टी में मिलना होगा, इस से पौधा जड़ से मजबूत और स्वास्थ्य होगा और इसे बहुत फायदा मिलेगा.
* तुलसी के पौधे के लिए ऑक्सीजन बहुत जरूरी है.
बारिश के मौसम में जब तुलसी के पौधे में अधिक पानी इकट्ठा हो जाता है, तो पत्ते झड़ना शुरू हो जाते हैं।,ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पौधे को जरूरत से ज्यादा मॉइश्चर मिल रहा होता है, ऐसे में पौधे की जड़ें सांस नहीं ले पाती हैं और स्थिति यह आ जाती है कि धीरे-धीरे तुलसी का पौधा सूखने लगता है.
इसके लिए पौधे से 15 सेंटीमीटर हट कर मिट्टी को 20 सेंटीमीटर गहराई तक खोदें, आप पाएंगे कि मिट्टी में मॉइश्चर है। यदि ऐसा हो तो इसमें सूखी मिट्टी और बालू को भरें, इससे पौधे की जड़ें दोबारा सांस लेने लगेंगी.
अधिक मॉइश्चर के कारण अगर तुलसी के पौधे में फंगल इंफेक्शन हो गया है, तो इस समस्या को दूर करना भी जरूरी है, इसके लिए नीम की खली का पाउडर आपको बाजार में आसानी से मिल जाएगा, इसे नीम सीड पाउडर के नाम से भी जाना जाता है,यदि आप 15 ग्राम पाउडर को सॉइल में मिला दें, तो फंगल इंफेक्शन दूर हो जाता है.
अगर आपके पास पाउडर नहीं है, तो आप घर पर ही नीम की पत्तियों का पानी में उबाल लें, जब पानी में हरापन आ जाए तो उसे ठंडा करके बॉटल में भर लें, अब आप हर 15 दिन में एक बार खुरपी से मिट्टी को खोदें और उसमें 2 चम्मच इस पानी को डाल दें.
* तुलसी का पौधा और धर्म आस्था
तुलसी के पौधे से लोगों की आस्था जुड़ी होती है, इसलिए अगर आप पौधे की पूजा करते है तो जरूर करे, मगर कोशिश करे की रोज तुलसी के पत्तियों को ना तोड़े, अगर आप दिया या अगरबती जलाते है तो, पौधे से इन चीजों को दूर रखे, दरअसल धुएं और तेल से भी तुलसी को नुकसान पहुंचता है.
अगर आप ऊपर बताई हुई टिप्स को फॉलो करते है तो महीने भर में ही आपको अपने सूखे हुए तुलसी के पौधे में नई पत्तियां आती दिखेंगी
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