केसर को दुनिया का सबसे मंहगे मसालों में से एक माना जाता है. आमतौर पर इसका इस्तेमाल दूध और दूध से बने रेसिपी में किया जाता है, लेकिन इसमें ऐसे कई गुण पाए जाते हैं जो आपको कई खतरनाक बीमारियों से दूर रख सकते हैं, केसर में डेढ़ सौ से भी ज्यादा ऐसे औषधीय तत्व पाए जाते है. जो हमारे शरीर को पूर्ण रुप से स्वस्थ रखने में सहायक होती है.
केसर की खेती का नाम सुनते ही सबसे पहला विचार हमारे दिमाग में कश्मीर का आता है, क्योंकि वहां भारी मात्रा में इसकी खेती की जाती है, लेकिन अब देश के अन्य हिस्सों में भी इसकी खेती शुरु हो गई है,लाखों की कीमत में बिकने वाली केसर की अब इंडोर फार्मिंग तकनीक के जरिए भी उत्पादन किया जा रहा है, जिसे अब देश के अन्य किसान भी अपना रहे हैं और घर पर ही केसर का उत्पादन कर रहे हैं,बाजार में असली नकली दोनो केसर आते है ऐसे में आप ऑर्गेनिक तरीके से केसर अपने घर पर ही उगा सकते है.
केसर का बीज बोने या लगाने से पहले मिट्टी को अच्छी तरह से जुताई की जाती है. इसके अलावा मिट्टी को भुरभुरा बना कर आखिरी जुताई से पहले गोबर का खाद और साथ में फास्फोरस और पोटास मिट्टी में डाला जाता है, पर इसे आप घर पर भी आसानी से ठीक से देख भाल कर उगा सकते है,
केसर उगाने के लिए जून से लेकर सितम्बर तक का महीना अच्छा माना जाता है, वहीं केसर की फसल को तैयार होने में भी अधिक समय नहीं लगता है, यह महज 3 से 4 महिने में ही तैयार हो जाता है, केसर उगाने के लिए अच्छी-खासी धूप की जरुरत होती है क्योंकि ठंड और नमी वाले मौसम में इसके पौधें खराब होने लगते हैं,तटस्थ, दोमट और बजरी और रेतीली मिट्टी पर ही इसकी खेती की जाती थी लेकिन अब किसानों को इन सभी झंझटों से मुक्ति मिल गई है.
जी हाँ, अब किसानों को केसर की खेती करने के लिए उपयुक्त मिट्टी नहीं होने की वजह से हताश होने की जरुरत नहीं है क्योंकि अब वे इसकी इंडोर फार्मिंग करके भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
1. कैसे होती है केसर की इंडोर फार्मिंग?
केसर की इंडोर फार्मिंग खुले आसमान में इसकी खेती करने के तरीके से बिल्कुल अलग है। आमतौर पर इसकी खेती के लिए अच्छी धूप की जरुरत होती है लेकिन इस तकनीक में रोशनी की जरुरत नहीं होती है, केसर की इंडोर फार्मिंग बन्द और अंधेरे कमरे में की जाती है, जहां तनिक भी रोशनी नहीं पहुंचती हो, ऐसा इसलिए क्योंकि रोशनी केसर के पौधें को नुक्सान पहुँचा सकती है.
इस तकनीक से केसर उगाने के लिए केसर के कार्म को लगभग 3 महीने तक उस कमरे में रखा जाता है जहां बिल्कुल अंधेरा ही अन्धेरा हो और रोशनी का नामो-निशान न हो, ध्यान रहे कि कमरे का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस हो,तीन महीने बाद केसर कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं.
* इंडोर फार्मिंग से केसर उगाने के फायदे
* खेतों में केसर की खेती पर मौसम का भी प्रभाव पड़ता है, लेकिन इंडोर फार्मिंग टेक्नीक से केसर की फसल पर मौसम का असर नहीं पड़ेगा.
* इस तकनीक से केसर उगाने का एक और फायदा यह है कि इसमें कम लागत, कम देखरेख और कम मेहनत में अच्छी पैदावार हो जाती है जिससे किसानों को इसका बेहतर फायदा मिलेगा.
* बाजार में केसर इतना महंगा होने के बावजूद भी मार्केट में भारी मात्रा में इसकी डिमांड रहती है, ऐसे में यदि कोई केसर का उत्पादन करके हर महिने 2 किलो केसर की बिक्री करता है तो उसे 6 लाख की बड़ी रकम की कमाई हो सकती है,केसर की बिक्री आप ऑनलाइन या किसी भी मंडी में कर सकते हैं, इसकी कीमत अधिक होने के कारण इसे लाल सोना भी कहा जाता है.
* केसर के बीज से उगाए आसानी से केसर का पौधा
केसर के बीज लगाने का उपयुक्त महीना जुलाई से अगस्त का होता है,
केसर के बीज लहसुन के आकार जैसा होता है जो अनेक सालों तक चलता रहता है.
* केसर के बीज को एक बार खेत में लगाने के बाद अगली फसल में भी उसी के केसर बल्ब को काम में ले सकते है.
* केसर के एक बल्ब की कीमत औसतन 7 से 25 रूपया होता है.
केसर की उन्नत किस्में
* मोगरा केसर
* अमेरिकी केसर
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