आज मैं आपको हमारे भारत के गांवों में सदियों से बन ने वाली वैदिक घी जो 100% शुद्ध होता है, इसे अमृत के समान माना जाता है, और हमारे दादा परदादा के जमाने से इस प्रक्रिया में दही के मक्खन से घी बनाया जाता है, कई लोग इस घी की अहमियत नहीं समझते और वही बाजार का नकली घी खा कर खुश रहते है, हमारी पुरानी परंपरा और सभ्यता का मोल तो लोग जानते ही नहीं,
आज मैं आपको इस बिलोना प्रकिया से बन ने वाले घी की विधि और इसका महत्व शेयर कर रही हूं, जिसे आप पढ़े समझे और अवश्य काम में लाए, ये हम सभी के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है.
वैदिक जमाने में या पुराने जमाने में की तरह घी बनाने के लिये दूध को सुबह से शाम तक गर्म किया जाता है, और फिर इस दूध का दही बनाया जाता है दही बनने के बाद सुबह सूर्योदय से पहले इस दही को लकड़ी की सहायता से अच्छी तरह बिलौया जाता है, जिससे इसमें से मक्खन निकल आता है और फिर इस मक्खन को गर्म करके घी बनाया जाता है.
ये सारी प्रोसेस मिट्टी के बर्तनों में और हाथों से की जाती है, ऐसे तरीके से घी बनाने में बहुत मेहनत और समय लगता है इसलिए वैदिक बिलौना घी थोड़ा महंगा होता है,यह घी स्वास्थ्य का खजाना होता है, रेगुलर ये घी खाने से शरीर जवां और तंदुरुस्त बना रहता है इसे जब बिलो कर बनाया जाता है तो लग भग 50 मीटर तक सुगंध फैल जाता है, इस काम में मेहनत तो लगती है पर जो रिजल्ट मिलता है, उसका सुख और फायदा ये बाजार वाले घी से आपको कभी नहीं मिल सकते.
कितना भी शुद्ध बाजारू घी हो इसे कच्चे दूध के ऊपर से मलाई निकाल कर बनाया जाता है पर वैदिक घी दही से ही बनाया जाता है
आपको इसे घर पर बनाने के लिए मिट्टी की 2 हांडी और एक लकड़ी का बिलोना चाहिए होगा जिस से हम सरसों का साग गोटने के लिए उपयोग करते है, अगर आपके पास लोहे की कढ़ाई है तो इसे आप बिलोने के बाद घी बनाने में उपयोग करे इस से भरपूर आयरन मिलेगा.
बिलोना A2 घी घर पर बनाने की विधि
* स्टेप 1 सबसे पहले 2-3 लीटर गाय के दूध को उबाल कर ठंडा कर लीजिए, और फिर मलाई सहित रात भर के दही जमने को रख दे.
इसकी दही जमाने के लिए मिट्टी की हांडी का प्रगोग करे तो ज्यादा अच्छा है, दही जमाने के लिए आप छाछ या दही का ही यूज करे और इसे मोटे कंबल से ढक दे ताकि इसका तापमान एक जैसा रहे.
* स्टेप 2 सुबह आप देखेंगे दही अच्छे से जम गई होगी बिलकुल मोटी मलाई के साथ, अब दही वाली हांडी में 2 लीटर पानी डाल दे ताकि इसे बिलोने में आसानी रहे.
* स्टेप 3 फिर किसी मटकी या बड़े बर्तन में लड़की से बनी हाथ की मथनी से इसे मथेंगे, सारा कमाल इसे मथने का ही है, मथने पर दही से मक्खन ऊपर आ जाएगा, इस मक्खन को इकठ्ठा कर लीजिए और लोहे की कढ़ाई या हांडी में डाल कर पकने को रखे, थोड़ी देर पकने पर पानी और मट्ठा जल जाएगा और खुशबूदार असली घी बच जायेगा, इसे जरूर बना कर खाए इस से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती, रोज एक चम्मच ये घी को खाने के अनमोल फायदे है ये मोटापे और कलेस्ट्रॉल को कम करता है, दिल की बीमारियों से हमें बचाता है और पाचन शक्ति मजबूत करता है कैंसर जैसी बीमारियों से भी बचाता है,
ये हमारी त्वचा और बालों के लिए भी उत्तम है.
अगर आप गाय का देसी घी इस्तेमाल करते है तो इसकी शुद्धता को कैसे चेक करें?
यह घी बिलकुल शुद्ध और स्वास्थ्य के लिए गुणकारी होता है, इसके शुद्धता को चेक करने के लिए थोड़ा सा घी एक चम्मच में लें और इसको आंच पर गर्म करें, यदि यह एकदम भूरा हो जाए मतलब वो असली है, पर बाजार के घी में मिलावट भी काफी होती है जो हमारे स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंचाता है, इनके पूरे फायदे हमे कभी नहीं मिल जाते पर बिलोना विधि से बनाया गया घी बहुत लाभकारी है, क्योंकि ये दही से बनाया जाता है.
अगर आप घर पर इसे नहीं बना सकते है तो आप बाजार से भी ये शुद्ध A2 घी खरीद सकते है, काफी किसान इसे ऑनलाइन बेचते भी है, इस घी के फायदे को विस्तार में समझने के लिए आप हमारी नीचे दी वीडियो देखें और इसका महत्व समझे या फर्क है 500 Rs लीटर बिकने वाली घी और 2000 Rs लीटर वाली घी में
एक प्रसिद्ध कहावत है.
कम खाए और अच्छा खाए.